۱ آذر ۱۴۰۳ |۱۹ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 21, 2024
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हौज़ा / मौलाना ज़ियाउल हसन नक़वी ने जामा मस्जिद अली जामिया अलमुंतज़ानार में आशराए विलायत व इमामत की मुनसीबत से एक जश्न को खिताब फरमाते हुए कहा कि हज़रत अली अलैहिस्सलाम ने फरमाया कि जिस आदमी के दोस्त नहीं वह गरीब हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,मौलाना ज़ियाउल हसन नक़वी ने जामा मस्जिद अली जामिया अलमुंतज़ानार में आशराए विलायत व इमामत की मुनसीबत से एक जश्न को खिताब फरमाते हुए कहा कि हज़रत अली अलैहिस्सलाम ने फरमाया कि जिस आदमी के दोस्त नहीं वह गरीब हैं।

उन्होंने कहा कि इमाम फरमाते हैं दोस्ती के लिए तीन चीजों को नज़र में रखना चाहिए इनाम,धर्मपरायणता,बलिदान।

उन्होंने कहा कि जो मित्र मुसीबत के समय साथ न दे, वह मित्र नहीं होता अल्लाह ताला ने क़ुरान में कहा है कि काफिरों से दोस्ती न करो और यह आदेश अवाम और हाकिम दोनों के लिए है। सरकार को ऐसे शासकों से मित्रता करनी चाहिए जो ईमानदार और आस्थावान हों।

मौलाना ज़ियाउल हसन नकवी ने कहा कि इस्लाम के पांच स्तंभ हैं।नामज़,ज़कात,रोज़ा,हज,विलायत अहल बैत अ.स. यह दिन की चाबी है।

उन्होंने कहा कि ज़ोरारा बिन मुस्लिम ने इमाम जाफ़र सादिक अ.स.से पूछा कि धर्म में सबसे अच्छी चीज़ क्या है, इसलिए उन्होंने विलायत अहल-अल-बैत (अ.स.) कहा क्योंकि यह बाकी कर्तव्यों और संरक्षक मार्गदर्शकों की कुंजी हैं।

उन्होंने कहा कि धर्म में प्रार्थना का महत्व बताया गया है, जबकि हमारी स्थिति यह है कि हम प्रार्थना पर ध्यान नहीं देते हैं यह आश्चर्य की बात हैं।

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